जौनपुर । कर्बला के प्यासे शहीद हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की विलादत की याद में सोमवार की रात्रि शिया कालेज में महफ़िल आयोजित हुई । जिसमें देश के जाने माने शायरों ने अपना कलाम पढ़कर नज़राने अकीदत पेश किया । विश्व प्रसिद्ध शायर शबरोज़ कानपुरी ने " कि यहाँ शब्बीर ने आने की ख़ाहिश इसलिए , सब से अच्छा सब से प्यारा मेरा हिंदुस्तान है " पढ़ा तो उपस्तिथ जनसमूह मंत्रमुग्ध हो गया ।
महफ़िल की ख़िताबत करते हुए बस्ती से आये मौलाना हैदर मेहदी ने कहा कि इमाम हुसैन उस अज़ीम शख्सियत का नाम है जिन्होंने अपने भरे घर को इस्लाम को बचाने के लिए लुटा दिया । उर्दू माह शाबान में उनकी वेलादत हुई ।
मौलाना ने इमाम हुसैन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इमाम हुसैन उस अज़ीम शख्सियत का नाम है जिसने हमेशा दूसरों को दिया लेकिन कभी अपने लिए कुछ नही मांगा। जब इस्लाम बचाने की बात आई तो 10 मोहर्रम सन 61 हिजरी को इस्लाम की हिफाज़त के लिए अपने कुनबे के 72 लोगों की शहादतें दी, जिसमे उनके दोस्त भी मौजूद थे और उनके घर वाले भी मौजूद थे।
बाद महफ़िल सभी ने एक दूसरे को गले मिलकर इमाम की विलादत की बधाई दी । इस मौके पर शिया कालेज के प्रबंधक नजमुल हसन नजमी , मीना रिज़वी कालेज के प्रबंधक मिर्ज़ा जावेद सुल्तान , प्रधानाचार्य डॉ अलमदार नज़र , मुज़म्मिल हुसैन, आज़म खां, ज़ुहैब हसन, असग़र मेहदी,वसी अहमद,रज़ा खान , हाजी असगर हुसैन ज़ैदी , तहसीन अब्बास सोनी , हसन मेहदी सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे ।
फखरी मेरठी , ज़फ़र आज़मी ,मारूफ सिरसवी , आज़म सुल्तानपुरी ,वारिस जलालपुरी , मुदस्सिर खनवाई आदि प्रमुख शायरों ने कलाम पेश किया , ज़ाहिद काज़मी बलरामपुरी ने संचालन किया ।
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