झोलाछाप पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कर रहे कलंकित


जौनपुर । लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया के अनुभव शायद आपने कभी-कभी महसूस किये होंगे या सुने होंगे लेकिन जौनपुर में कुछ ऐसे झोलाछाप पत्रकारो ने जन्म ले लिया है जिनके पास न झंडा न डंडा है और न ही एजेंडा है । इन झोलाछाप पत्रकारो के पास है तो सिर्फ दलाली और अगर जिन विभागों में इनकी दलाली नही चलती उन विभाग पर ये पत्रकार वाट्सएप ग्रुप में भूखे भेड़िये की तरह अपनी टूटी फूटी लेखनी से विभाग के कर्मचारियों की इज़्ज़त तार तार करने से नही चूकते । ऐसी घटना को सुनकर शायद लोकतंत्र शर्मिंदा हो जाये लेकिन दौलत के भूखे भेड़ियों की सेहत पर इसका कोई असर पड़ेगा इसकी मुझे भी कल्पना नहीं है।
जौनपुर में इस समय वाट्सएपिया पत्रकारो की भरमार हो गयी है । जो वाट्सएप के ज़रिये अपनी दलाली वाली पत्रकारिता को परवान चढ़ा रहे है । और ऐसे पत्रकारो को सरकारी विभाग के लोगो ने अपने विभाग के वॉट्सऐप ग्रुप में भी एड कर लिया है । पता नही इन विभागों की स्क्रीनिंग कमेटी क्या कर रही है । पत्रकारिता को कलंकित करने वाले झोलाछाप पत्रकार दिनभर आर टी ओ आफिस , ज़िला अस्पताल , रेलवे स्टेशन और अन्य विभागों में अपनी दलाली को परवान चढ़ाते है । और जब इन झोलाछाप पत्रकारो की दलाली उन विभागों में नही चलती तो लंबी चौड़ी खबर लिखकर वॉट्सऐप पर वायरल करने में जुट जाते है । खासबात ये भी है कि ऐसे पत्रकार अपनी खबर को वाट्सएप पर पढ़ने के लिए खुद फोन कर के संबंधित कर्मचारियों को दबाव भी डालेंगे की देखा चाप दिया । इस समय झोलाछाप पत्रकारो का सबसे साफ्टकार्नर विभाग आर टी ओ आफिस हो गया है । इस विभाग में अब दलालों का बोलबाला न के बराबर हो गया है तो ये झोलाछाप पत्रकार आर टी ओ आफिस के कर्मचारियों के खिलाफ अपनी भड़ास वाट्सएप पर दिखा रहे है । और उन कर्मचारियों पर अपना रौब दिखाकर अपनी दलाली का वर्चस्व जमाने का प्रयास कर रहे है । क्या यही पत्रकारिता है , ऐसी पत्रकारिता कर के ये झोलाछाप पत्रकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को शर्मसार कर रहे है । लोगो का कहना है कि अगर समय रहते ऐसे पत्रकारो पर सूचना विभाग और पत्रकार संगठनों ने अंकुश नही लगाया तो ऐसे झोलाछाप पत्रकार पूरे पत्रकार समाज को कलंकित कर देंगे ।

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