प्रशासनिक आदेश के बावजूद भी तालाब से अवैध कब्जा नहीं हटा

जौनपुर। मछलीशहर नगर से सटे सराय यूसुफ गांव में स्थित एक तालाब पर माह भर पूर्व पुलिस की मिलीभगत से अवैध कब्जा करके अस्थायी निर्माण कर लिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध कब्जे की शिकायत तब पुलिस से की गयी लेकिन एक दलाल के हस्तक्षेप के अवैध निर्माण नहीं रोका गया। तालाब पर किये गये अवैध कब्जे व उससे उत्पन्न गांव में होने वाले भारी जलभराव के खतरे को भांप करके ग्रामीणों ने एक पखवाड़ा पहले तहसील परिसर में धरना-प्रर्दशन किया जिसके बाद उपजिलाधिकारी रमापति ने पैमाइश कराकर तालाब पर हुये अवैध निर्माण को हटवाने का निर्देश कोतवाली प्रभारी व राजस्व निरीक्षक को दिया। बीते 7 जुलाई को उपजिलाधिकारी के स्पष्ट आदेश के बाद भी मौके पर अवैध कब्जा बरकरार है। मौके पर गये दूसरे सर्किल के कानून गो का कहना है कि एक छप्पर हटवा दिया गया है। बाकी अवैध निर्माण हटाने के लिये विपक्षी को नोटिस दे दी गयी है। यह पूछने पर कि जब उपजिलाधिकारी ने अवैध निर्माण हटवाने का स्पष्ट आदेश पहले ही दे रखा है तो नोटिस की आवश्यकता क्यों पड़ी? इसका वह कोई समुचित जवाब नहीं दे सके। उधर ग्रामीणों के आक्रोश की जानकारी होने पर क्षेत्राधिकारी सौम्या पाण्डेय भी मौके पर पहुंची। ग्रामीणों का आरोप है कि आदेश के बावजूद भी कोतवाल पुलिस बल देने में आनाकानी कर रहे हैं। क्षेत्राधिकारी सौम्या पाण्डेय से मिलकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोतवाल ने एक दलाल के कहने पर 5 लोगों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही कहा कि मौके पर एक भी बार लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ है। बावजूद इसके पुलिस ने अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया। इसी को लेकर ग्रामीणों ने अपर पुलिस महानिदेशक  वाराणसी सहित आरक्षी अधीक्षक जौनपुर को पत्र भेजकर मछलीशहर कोतवाल की शिकायत किया है। साथ ही कहा कि तालाब पर आदेश के बावजूद अवैध कब्जा नहीं हटवाने और फर्जी मुकदमे की शिकायत पर वे जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन भी करेंगे।

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