महिला न्यायिक अधिकारियों को मातृत्व व बाल्य देख भाल का मिले अवकाश : डा सुनील कुमार

उन्नाव : न्यायिक महिला अधिकारियों के लिए मातृत्व एवं बाल्य देख भाल अवकाश के साथ -साथ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप उन्हें वेतन दिलवाना मेरी नैतिक जिम्मेदारी होगी | इतना ही नहीं प्रदेश न्यायिक सेवा के न्यायिक अधिकारियों को 7 वर्ष के अनवरत सेवा पूर्ण करने के बाद 7 वर्ष की यदि  उन्होंने वकालत की हो या सेवा एवं वकालत दोनों की हो तो उसे उच्चतर न्यायिक सेवा में बैठने की अनुमति प्रदान करवाना मेरी नैतिक जिम्मेदारी होगी | उक्त बातें उन्नाव के न्यायाधीश डा सुनील कुमार सिंह  ए ० सी ०जे ०एम ने जिला न्यूज़ से एक भेंट वार्ता में कही | उन्होंने महिला अधिकारियों की विशेष सुविधा पर बल देते हुए कहा की महिला अधिकारियों समेत न्यायिक सभी अधिकारियों को यात्रा अवकाश ,चिकित्सा अवकाश , प्रसूति अवकाश , बाल्य देख -भाल अवकाश जनपद स्तर पर ही स्वीकृत कराने की व्यवस्था भी सुनिश्चत कराने का प्रयास करूँगा साथ ही अखिल भारतीय न्यायिक सेवा का शीघ्र गठन एवं न्यायिक सेवा के सदस्यों का उसमें समायोजन करवाने का भी प्रयास करूंगा | उन्होंने कहा की वर्तमान समय में न्यायिक अधिकारियों को हड़ताल आदि जैसे बिपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए अपराधिक पृष्ट भूमि एवं आतंकवादी गति विधियों में लिप्त लोगों के विरुद्ध आदेश पारित करना पड़ता है जिससे उनकी और उनके परिवार वालों के विरुद्ध अहित कारी कदम उठ सकते हैं | ऐसे बिपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए न्यायालय परिसरों व न्यायिक अधिकारियों के आवासों पर वेशेष सूरक्षा बल की तैनाती के लिए भी संघर्ष करूंगा | इसके लिए समस्त जनपदों के न्यायिक अधिकारियों के आशीर्वाद की आवश्यकता है | अगर आप सबका 10,11 , मार्च को लखनऊ में होने वाले अधिवेशन व चुनाव में मुझे महा सचिव पद के लिए आशीर्वाद प्राप्त हुआ तो उक्त सभी विन्दुओं पर कार्य निश्चित रूप से करने का प्रयास करूंगा  |

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