तहसील के सामने बेशकीमती सरकारी जमीन पर पुनः हो रहा अवैध कब्जा

जौनपुर। मछलीशहर तहसील के सामने स्थित बेशकीमती सरकारी जमीन पर पुलिस की मिलीभगत से एक बार फिर से कब्जा किया जा रहा है। बीते अप्रैल माह में जब रातों-रात इस पर कब्जा शुरू किया गया था तब दुर्गा प्रसाद भोज्यवाल व नगर पंचायत आमने-सामने हो गये थे। नगर पंचायत की पुरजोर कोशिश के बाद काम नहीं रूका था और काफी हद तक कब्जा कर लिया गया था। इसके बाद तत्कालीन उपजिलाधिकारी डा. विश्राम यादव ने कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ तत्कालीन आरक्षी अधीक्षक को पत्र लिखा था। नगर पंचायत जहां उक्त बेशकीमती जमीन को अपनी बताती है,

वहीं कब्जा करने वालों का कहना है कि उन्होंने बैनामा लिया है। इस बाबत पूछे जाने पर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी धीरज सिंह का कहना है कि उक्त जमीन को मृतक लक्ष्मण प्रसाद ने जिला परिषद से लीज पर लिया था जो बाद में नगर पंचायत के गठन के बाद नगर पंचायत को मिल गयी थी। लक्ष्मण प्रसाद को लीज की जमीन बेचने का  अधिकार ही नहीं था जिसके बाबत दीवानी न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है तथा उस पर स्थगनादेश भी पारित है। बीते अप्रैल महीने में इस खाली पड़ी विवादित बेशकीमती जमीन पर रातों-रात कब्जा हो गया। वह भी तब जब नगर पंचायत प्रशासन ने निर्माण रोकने के लिये ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था लेकिन जब तक छत नहीं पड़ गयी तब तक काम नहीं रूका। पुलिस तब कम से कम आधा दर्जन बार काम रोकने आयी थी लेकिन काम न रूकने से ऐसा लगा कि या पुलिस का कोई खौफ नहीं था या फिर पुलिस ने अन्दरूनी तौर पर निर्माण की इजाजत दे रखी थी। तत्कालीन उपजिलाधिकारी डा. विश्राम यादव ने पुलिस के रवैये पर सवाल उठाते हुये कोतवाली में तैनात रहे वरिष्ठ उपनिरीक्षक के खिलाफ विभागीय पत्र भी लिखा था। आज उसी जमीन पर पुनः सामने से पर्दा डालकर बाकी का निर्माण किया जा रहा है। इस बाबत अधिशासी अधिकारी धीरज सिंह ने बताया कि उपजिलाधिकारी व कोतवाली प्रभारी निरीक्षक को लिखित सूचना देकर काम रोकने का अनुरोध किया गया है। उधर उपजिलाधिकारी रमापति ने बताया कि तत्काल काम रोकने का आदेश दिया गया है लेकिन समाचार लिखे जाने तक काम नहीं रोका गया था।

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