कोरे कागज रूपी बच्चों पर कुछ भी लिखा जा सकता हैः विनय

जौनपुर। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। उनमें बैर, ईर्ष्या, द्वेष आदि बुराइयां नहीं होतीं। बच्चे वे कोरे कागज हैं जिस पर चाहे जो लिखा जा सकता है। अर्थात् आप चाहें तो उन्हें प्यार, मिलवर्तन, भाईचारा आदि अच्छी भावनाएं सिखाकर एक अच्छा नागरिक बना सकते हैं। उक्त उद्गार नगर के मड़ियाहूं पड़ाव पर स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित निरंकारी बाल समागम के अवसर पर उपस्थित विशाल संत समूह को सम्बोधित करते हुये फैजाबाद से आये संत विनय तिवारी ने व्यक्त किया। इस दौरान निरंकारी बाल प्रदर्शनी लगायी गयी जिसका उद्घाटन नगर मजिस्टेªट इन्द्रभूषण वर्मा ने किया। इसी क्रम में नौपेड़वा, इजरी, जलालपुर, त्रिलोचन, सुल्तानपुर, लम्भुआ, अमेठी, केराकत, हनुआडीह के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से मिशन की शिक्षाओं को उजागर किया। इस अवसर पर संयोजक श्याम लाल साहू, क्षेत्रीय संचालक अमरनाथ, राजेश कुमार, सुरेन्द्र कुमार, मीडिया प्रभारी उदय नारायण जायसवाल, राजेन्द्र कश्यप, डा. राम नारायण, शैलेन्द्र, राजेन्द्र रावत, नरेन्द्र जी सहित तमाम लो उपस्थित रहे। मंच का संचालन आकांक्षा व अभिषेक ने संयुक्त रूप से किया।

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