जौनपुर। जिले में बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ बनाने और “हर बच्चे को बेहतर शिक्षा” के लक्ष्य को साकार करने के उद्देश्य से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. गोरखनाथ पटेल ने शुक्रवार को विकास खण्ड खुटहन एवं सुइथाकला क्षेत्र के विभिन्न परिषदीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान डॉ. पटेल ने विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई एवं मूलभूत सुविधाओं की स्थिति का गहन अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि “बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हम सबका प्राथमिक दायित्व है। शिक्षक समय से विद्यालय पहुँचें और नवाचार अपनाएं, तभी अधिगम स्तर में सुधार संभव है।”
खुटहन ब्लॉक निरीक्षण
कम्पोजिट विद्यालय धमौर के निरीक्षण में कई शिक्षकों की अनधिकृत अनुपस्थिति पाई गई, जिस पर डॉ. पटेल ने संबंधित शिक्षकों का वेतन/मानदेय अवरुद्ध करने के निर्देश दिए। साथ ही, विद्यालय की उपस्थिति कम मिलने और मध्यान्ह भोजन पंजिका में गड़बड़ी पर उन्होंने गंभीर असंतोष व्यक्त किया।
प्राथमिक विद्यालय नदौली में सहायक अध्यापिका श्रीमती निवेदिता सिंह कई दिनों से अनुपस्थित पाई गईं, जिनका वेतन अग्रिम आदेश तक रोकने का निर्देश दिया गया। वहीं फिरोजपुर विद्यालय में उपस्थिति कम और परिसर अस्वच्छ पाए जाने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक का वेतन रोका गया तथा एक सप्ताह में सुधार का आदेश दिया गया।
सुइथाकला ब्लॉक निरीक्षण
प्राथमिक विद्यालय भगासा में चहारदीवारी अधूरी, रंगाई-पुताई एवं सफाई व्यवस्था लचर पाई गई, जिस पर प्रभारी प्रधानाध्यापक श्री अनिल कुमार यादव का वेतन अग्रिम आदेश तक रोका गया।
इसी गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय भगासा में दाल की गुणवत्ता खराब मिलने पर बीएसए ने प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया तथा एक सप्ताह में सभी कमियां दूर कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
शिक्षकों को दिए निर्देश
डॉ. पटेल ने निरीक्षण के दौरान शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे विद्यालयों में बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करें, प्रभावी शिक्षण विधियाँ अपनाएँ, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें तथा विद्यालय परिसर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखें।
निरीक्षण के अंत में उन्होंने कहा—
> “एक प्रेरित शिक्षक ही प्रेरित समाज की नींव रख सकता है। विभाग शिक्षकों के हर सकारात्मक प्रयास में पूर्ण सहयोग करेगा। सभी शिक्षक ‘प्रेरणा लक्ष्य’ एवं ‘निपुण भारत मिशन’ को सफल बनाने में पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करें, ताकि हर बच्चा पढ़ने, लिखने और समझने में निपुण बन सके।”
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