जौनपुर।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जौनपुर के अध्यक्ष एवं प्रांतीय संयुक्त महामंत्री अमित सिंह ने परिषदीय विद्यालयों की पेयरिंग/मर्जर प्रक्रिया को शिक्षा विरोधी बताते हुए इसके खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है। प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय छात्रों, शिक्षकों और विशेष रूप से ग्रामीण अंचलों की बेटियों के भविष्य के लिए घातक है।
अमित सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लागू की जा रही पेयरिंग/मर्जर की यह नीति शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं बाल अधिकारों के सरासर खिलाफ है। इससे उन ग्रामीण इलाकों की छात्राएं सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी, जहां आज भी अशिक्षा, गरीबी और सामाजिक संकोच के कारण बेटियों को दूरस्थ विद्यालयों में भेजना मुश्किल होता है।
उन्होंने विभाग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि छात्र संख्या कम होने की वजह से विद्यालय बंद करना शिक्षकों की गलती नहीं है, बल्कि यह विभागीय अधिकारियों द्वारा दोषपूर्ण ढंग से दी गई मान्यताओं का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि एक किलोमीटर की परिधि में खुले परिषदीय विद्यालयों की मान्यता की जांच कर उसे रद्द किया जाए। साथ ही, गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कार्रवाई की मांग भी जोरदार तरीके से उठाई।
संघ ने चेतावनी दी कि यदि पेयरिंग/मर्जर का यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
इस क्रम में 27 जून को दोपहर 1 बजे, प्रदेश के सभी जनपदों में शिक्षक प्रतिनिधि जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। जौनपुर जनपद में भी जिला इकाई के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
अमित सिंह ने दो टूक कहा कि जब तक यह आदेश वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा, और यदि सरकार ने चुप्पी नहीं तोड़ी तो शिक्षक संघ आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होगा।
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