जोश व खरोश के साथ मनाया गया जश्न-ए-मेराज उल नबी

जौनपुर। जश्न-ए-मेराज उल नबी (रज्वे शरीफ) का जश्न बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। यह जश्न हर साल हिजरी संवत के अनुसार 26-27 रजब की शाम को रवायत के अनुसार मनाया जाता रहा है। इसी दिन हुजुर-ए-पाक मस्जिद-ए-अक्सा फिलिस्तीन से मेराज को गये थे। उसी खुशी के सिलसिले मे यह जश्न मनाया जाता है। इसके तहत शहर की सुतहट्टी बाजार स्थित औलिया मस्जिद से एक जुलूस उठा जो नगर भ्रमण करते हुये अटाला मस्जिद पर पहुंचकर जलसे की शक्ल में तब्दील गया। जुलूस में शामिल लोग हाथों में इस्लाम व हिन्दुस्तान का परचम लेकर जोश व खरोश के साथ चल रहे थे। जुलूस में हाथी, घोड़ा व ऊंट भी चल रहे थे। अन्जुमनें बड़े ही निराले अंदाज में नाते पाक व नज्म सुना रही थीं। अखाड़े अपने फन का मुजाहरा करते हुये आग, पानी वच लकड़ी के अजीबोगरीब करतब दिखा रहे थे। सारा शहर रंग-बिरंगी झालरों, गुब्बारों व झण्डों से जगमगा रहा था। औलिया सीरत कमेटी ने कोतवाली चौराहे पर कौमी यकजहती का आयोजन किया जहां शहर के अमन पसंद लोग एक साथ आकर जश्न में चार चांद लगा दिये। इसके पहले जुलूस की शुरूआत हरी झंडी दिखाकर औलिया मस्जिद से हुई। कार्यक्रम की सदारत पूर्व विधायक अफजाल अहमद ने किया जहां शुरुआत तिलावते कलामे पाक से कारी जिया ने किया। इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष अनवारुल हक ने तमाम अखाड़ों व अंजुमनों के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन शकील अहमद ने किया। इस अवसर पर शम्स तबरेज आलम, कमालुद्दीन अंसारी, लाल मोहम्मद राइनी, शायर आकिल जौनपुरी, उस्ताद मुश्ताक अहमद, मजहर आसिफ, मास्टर तुफैल, निखिलेश सिह, रुखसार अहमद, हसीन बब्लू, शोएब अहमद, अच्छू खान, कमाल आजमी, ताबीस अख्तर, जफर मसूद, शहनवाज, रियाजुल हक, फिरोज अहमद, तारिक, शकील अहमद, हफीज शाह, सलीम खान सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। अन्त में मौलाना कयामुद्दीन ने दुआ कराकर जलसे को पूरा करवाया।

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