अर्द्धहोश में महिलाएं स्वयं काट रहीं चोटीः डा. आरपी विश्वकर्मा


जौनपुर। मछलीशहर क्षेत्र में इन दिनों चोटी काटने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। चोटी काटे जाने के पीछे रहस्य को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मछलीशहर के चिकित्सक डा. आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि मनुष्य की मानसिक स्थित तीन तरह की होती है। 1- कान्सियश (होश में) 2- सब कान्सियश (अर्द्धहोश)  3- अन्कान्सियश (पूरी तरह बेहोश)। चोटी काटने की घटना   मास हिस्टीरिया से सम्बन्धित है जिसमें मनुष्य अर्द्धहोश की स्थिति में रहता है जिससे इस दौरान उसके द्वारा कृत्र कार्य याद नहीं रहता। अर्द्धहोश स्थिति सुमार अन्य प्रचलित बीमारी जैसे नीद में चलना इत्यादि है। इस बीमारी के मरीज बहुत सेन्सटीव होते हैं जो अक्सर वही बातें दिन-रात सोचते हैं जो आस-पास घटित होती है या प्रभावशाली होती है। जब मनुष्य (सब कान्सियश) मानसिक स्थिति में होता है तो वह वही कार्य करता है जो वह उस समय सोच रहा होता है। चूंकि सब कान्सियश लेबल में रहता है, इसलिये उसे घटना याद नहीं रहती है। डा. विश्वकर्मा ने बताया कि यह बीमारी उन घरों में ज्यादातर पायी जाती है जहां पर भूत, प्रेत, डरावनी कहानियां सुन-सुनकर बच्चे बड़े होते हैं। उन्हीं में यह बीमारी अधिक होती है। चोटी कटवा भी इसी बीमारी का एक उदाहरण है। यह घटना पूरी तरह झूठी है एवं पूर्ण रूप से अफवाह है। अन्त में उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचने हेतु अपने घरों में डरावनी या भूत-प्रेत जैसी बातों का माहौल न बनायें। यदि कोई हिस्टीरिया का मरीज हो तो वह ऐसी घटना को अंजाम दे सकता है। ऐसी स्थिति में मरीज को अफवाह के सम्बन्ध में बतायें। इतना ही नहीं, जरूरत हो तो चिकित्सक से सलाह भी लें।

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