गलाघोटू रोग से पशुओं को बचाने के लिये टीकाकरण जरूरी

जौनपुर। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं में गलाघोटू रोग का सघन टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। पशुपालकों से अपील कि इस घातक बीमारी का टीकाकरण पशुओं को अवश्य करवायें। बीमारी का लक्षण पशु द्वारा चारा छोड़ने से शुरू होता है। बुखार लगभग 106 डिग्री फारेनहाइट तक हो जाता है। गले में सूजन आ जाती है। पशु को सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि समय से उपचार न हुआ तो पशु की मृत्यु तत्काल हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी तरूण व युवा पशुओं में उमस भरे मौसम में अधिक होती है। इसका टीका निःशुल्क लगाया जा रहा है। शासन द्वारा इसका कोई शुल्क नहीं है परन्तु कुछ स्थानों पर पशुपालकों द्वारा बताया गया कि कुछ झोला छाप चिकित्सक द्वारा शुल्क लेकर टीका लगाया जा रहा है। डा. सिंह ने कहा कि जिले के पशु चिकित्सा अधिकारियों को आगाह किया जाता है कि इस प्रकार की मिल रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुये ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्यवाही अवश्य करें। पशुपालकों से यह भी अनुरोध है कि यदि कोई व्यक्ति टीकाकरण के नाम पर पैसा मांगता है तो जनपदीय नोडल अधिकारी डा. नीरज मिश्रा के मो.नं. 9415217629 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 218488 पशुओं में गलाघोटू, 1910 पशुओं में लंगड़िया, 35345 भेड़-बकरियों में पीपीआर, 213333 जानवरों को खुरपका-मुंहपका का टीका लगाया जा चुका है।

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