jaunpur : किसानों की हक की लड़ाई लड़ेगा अपना दल

जौनपुर। अपना दल की जिला इकाई ने  शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर   धरना प्रर्दशन किया व संविधान के रचनाकार डा0ं अम्बेडकर के जन्म दिन के पूर्व संध्या पर  संविधान बचाओं- केन्द्र सरकार हटाओं के तहत संाकेतिक उपवास कर महामहित राष्ट्रपति को सम्बोकधत ज्ञापन छ सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौपा गया । धरने को सम्बोधित करते हुये जिलाध्यक्ष सुनिल पटेल ने कहा की देश विषम परिस्थियों के दौर  से गुजर रहा है आवाम का सच्चाई से दूर किया जा रहा और केन्द्र की वर्तमान सरकार विकास के मुद्दे से जनता का ध्यान हटाने के लिये कभी आरक्षण प्रहार करती है ।कभी दलित एक्ट को निष्प्रभावी करने की पैरवी करती है और कभी गाय,गोबर,मन्दिर- मस्जिद का मामला उछालकर धार्मिक उन्माद आदि मुद्दा खड़ा करती है जिला उपाध्यक्ष  अरविन्द कुमार पटेल  ने कहा कि अपना दल पूर्वजों द्वारा बनाये गये संविधान को हर स्तर पर बचाने का काम करेगी। आज केन्द्र की भाजपा सरकार और उनकी सहयोगी पार्टियाँ संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही हैं और संविधान की मूल भावना को आहत कर रही हैं। ओबीसी, एससी एसटी आरक्षण और एससी एक्ट निष्प्रभावी करने का षडयंत्र कर रही हैं। अपना दल इन मंसूबों को सफल नहीं होने देगा। आरक्षण विरोधी सामंतवादी सोच के लोगों ने 10 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार मिली हुई है। भारत बंद करने वाले लोगों को रोकने का काम नहीं किया गया।सरकार समाज को बाटना चाहती है अवर्ण और सवर्ण में, जो कि देशहित में नहीं होगा।इससे विकास अवरुद्ध होगा,आज भी दलितों का सामाजिक और आर्थिक स्तर सवर्णों से बहुत नीचे है।संविधान सामाजिक शैक्षिक रुप में आरक्षण की व्यवस्था किया था।  अनिल पटेल ने कहा कि अभी हाल की महाराष्ट्र की भीमा कोरे गाव की घटना,मध्य प्रदेश-राजस्थान में दलितों का उत्पीड़न,सहारनपुर दलितों के विरुद्ध दंगा इसके उदाहरण हैं।दलित एक्ट को निष्प्रभावी करना दलितों के साथ उत्पीड़न को दावत देना है। दलित एक्ट के निष्प्रभावी करने के विरुद्ध दलितों के आंदोलन को भाजपा सरकार द्वारा फर्जी मुकदमे से कुचलने, और गिरफ्तारी को अविलम्ब रोक लगाये और नीट लगाकर आरक्षण पर जो कुठाराघात किया गया है, उसे अविलंब रोका जाय।उप्र में बैक लॉग के आरक्षित वर्ग की 3 लाख पदों को अविलंब भरा जाय। किसान आज भी त्रासदी से गुजर रहा है। सरकार ने जो वादा किसानों से किया था, उसे भी पुरा नहीं किया गया। न ही किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य ही मिला और न ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को ही लागू किया गया।   रामचंद्र पटेल, शाह आलम, मुन्ना लाल गौड़, अहकू गौड़,गोपाल शर्मा,अमर बहादुर चौहान,राजकुमार बेनबंसी,ललई सरोज, हेमा पटेल, बसंती पटेल, अनीता शर्मा, दीपक कश्यप,नन्दलाल पटेल, महाजन पटेल, अरविंद पटेल,रामचंद्र कनौजिया,बसंता पटेल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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