आसाराम दोषी करार, आज हो सकता है सजा का ऐलान

नेशनल डेस्कः राजस्थान की जोधपुर कोर्ट आसाराम पर चल रहे दुष्कर्म मामले में आज कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए आसाराम सहित अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है। आसाराम पर सजा का ऐलान भी आ जही हो सकता है। पीड़ित पक्ष आसाराम के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहा है।

ये है पूरा मामला
आसाराम पर अगस्त 2013 में एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि उसने जोधपुर के आश्रम में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया और दो दिन बाद ही लड़की के पिता ने दिल्ली जाकर आसाराम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। दिल्ली पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद मामला राजस्थान पुलिस को ट्रांसफर कर दिया। राजस्थान पुलिस ने आसाराम को पूछताछ के लिए कुछ वक्त देते हुए सम्मन जारी किया। पुलिस के समन के बाद भी आसाराम हाजिर नहीं हुए और दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ 342, 376 और 506 की धारा में केस दर्ज किया। उन पर आरोप लगे कि पुलिस से बचने के लिए वह सारे हथकंडे अपनाते रहे और आरोप तो यहां तक लगे कि लड़की के परिवार को केस वापस लेने के लिए धमकाया गया। जब इंदौर में आसाराम प्रवचन के लिए पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें समर्थकों के भारी विरोध के बाद गिरफ्तार कर लिया और जोधपुर जेल शिफ्ट कर दिया। कोर्ट में मुकद्दमें की सुनवाई के दौरान आसाराम पर लगे आरोपों की एक के बाद एक परत खुलने लगी और आरोपों की जांच उनके बेटे नारायण साईं तक पहुंच गई। कई महीनों की लुकाछिपी के बाद आखिर में पुलिस को नारायण साईं की गिरफ्तारी में सफलता हासिल हुई।

जेल में रहकर गवाहों को धमकाने और उनकी हत्या का आरोप
आसाराम पर जेल में रहने के बाद गवाहों को धमकाने, उनकी हत्या कराने के आरोप भी लगे हैं। आसाराम जेल में भले ही रह रहे थे, लेकिन उनके खिलाफ गवाही देने वाले कई लोगों पर हमले हुए और कुछ गवाहों की हत्या भी कर दी गई। इस मामले में वादी पक्ष के 58 और आरोपी पक्ष की ओर से 50 गवाह थे। वादी पक्ष की ओर से छह मुख्य गवाह हैं, इनमें पीड़िता के माता-पिता, कृपाल सिंह, राहुल सचान, महेंद्र चावला और मध्य प्रदेश की सुधा पटेल शामिल हैं। लेकिन बाद में सुधा पटेल ने कोर्ट में आसाराम के पक्ष में बयान दे दिया था। आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले एक मुख्य गवाह वैद्य अमृत प्रजापति की मई 2014 में गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मुजफ्फरनगर के रहने वाले गवाह अखिल गुप्ता की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा शाहजहांपुर के कृपाल सिंह को रात में घर लौटते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी। लखनऊ के रहने वाले राहुल सचान पर भी हमलावरों ने चाकू से हमला किया था। लेकिन सचान की किस्मत अच्छी थी कि वो बच गए। वहीं पानीपत के रहने वाले महेंद्र चावला पर भी गोली चलाई गई। जिसमें वह घायल हो गए। सूरत के एक गवाह विमलेश ठक्कर पर भी हमला किया गया था।

इस पूरे हाईप्रोफाइल केस में आसाराम की हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी होने और कई अवैध आश्रमों होने की बात सामने आई। नाबालिग दुष्कर्म मामले में जमानत के लिए आसाराम ने कई प्रयास किए। उनके वकील राम जेठमलानी से लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी तक रहे। बाबजूद इसके उन्हें जमानत नहीं मिली। आसाराम की जमानत याचिका अब तक खारिज होती रही हैं। अब तक के उनके सभी प्रयास विफल रहे हैं।

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