मौलाना महमुदुल सुपुर्द-ए-खाक, लोगों ने नम आंखों से किया अलविदा

जौनपुर। शिया समुदाय के वरिष्ठ धर्मगुरू मौलाना महमुदुल हसन खां को सुल्तानपुर में उनके पैतृक कब्रिस्तान में हजारों लोगों की उपस्थिति में दफन किया गया। नमाजे जनाजा प्रख्यात धर्मगुरू मौलाना सै. हमीदुल हसन तकवी लखनऊ ने पढ़ाई तो मजलिस मौलाना सै. जमीरूल हसन रिज्वी बनारस ने पढ़ी। लखनऊ, जौनपुर, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, आजमगढ़ फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, रायबरेली सहित तमाम य जिलों के उलेमा एवं सैकड़ों नागरिकों ने उनकी अन्तिम यात्रा में भागीदार निभायी। वहीं शिया जामा मस्जिद मार्केट शेख नूरूल हसन मेमोरियल प्रतिष्ठान सहित तमाम शिक्षा संस्थान शोक में बन्द रहे। साथ ही विभिन्न विद्यालयों एवं मदरसों में शोकसभा का आयोजन हुआ। जौनपुर अजादारी काउन्सिल की कार्यकारिणी की शोकसभा नकी फाटक में हुई जहां अध्यक्ष सैय्यद मोहम्मद हसन ने मौलाना के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाला। प्रवक्ता सैयद असलम नकवी ने कहा कि मौलाना महमुदुल हसन खां फिकहे जाफरी के बड़े ज्ञाता के रूप में जाने जाते थे। इस्लामी धर्म शास्त्र में हदीस के बड़े विद्वान माने जाते थे। पिहानी हरदोई व जौनपुर में मदरसों का विस्तार किया। साथ ही बहुत गैरइस्लामी रस्मों को जो शादी-विवाह का हिस्सा बन गयी थी, उन्हें खत्म कराया। इस अवसर पर तमाम लोग उपस्थित रहे।

No comments

Post a Comment

Home