मौला अली ने अपनी जिंदगी इस्लाम पर कुर्बान की : मौलाना सफदर


जौनपुर । नगर के मोहल्ला अजमेरी स्तिथ मस्जिद शाह अता हुसैन में मौला अली की शहादत पर जुलूस की मजलिस आयोजित की गयी। जिसमें मौलाना ने इमाम की शहादत और दीने इस्लाम के लिए दी गयी कुर्बानियों को बयान किया। लोगों से उनके बताए रास्ते पर चलने की ताकीद की।
मजलिस को शिया धर्मगुरु मौलाना सफदर हुसैन ज़ैदी ने खिताब करते कहा कि मौला अली ने सारी जिन्दगी इस्लाम पर कुर्बान कर दी। उनकी जिन्दगी के बारे में लोगों को बताते हुए कहा कि मौला अली की पैदाइश खाना-ए-काबा में हुई थी और 19 रमजान की सुबह इब्ने मुल्जिम ने मस्जिद में नमाज की हालत में उन्हें धोखे से जरबत मारी थी। जिससे 21 रमजान को आपकी शहादत हो गयी। मौला अली का रूतबा इतना बुलंद है कि रसूले खुदा ने कहा था जिसका मैं मौला उसका अली मौला। इसके अलावा शहरे इल्म कहा था और अली को उसका दरवाजा बताया था। मौलाना ने कहा कि मौला अली की फजीलत जितनी भी बयान की जाये वो कम है। मौलाना ने लोगों से मौला अली के बताए रास्ते पर चलने की ताकीद की। मजलिस के बाद अंजुमन ज़ुल्फेकारिया ने शबीहे अलम का विशाल जुलूस निकला । जुलूस अपने कदीम रास्ता बड़ी मस्जिद चौराहा होते हुए नवाब यूसुफ रोड पहुचा जहा दुबारा मौलाना सफदर हुसैन ज़ैदी ने तकरीर किया । जिसके बाद चहारसू चौराहे पर बलुआघाट से आये तुर्बत के जुलूस से अलम का मिलन हुआ । यहाँ मोहम्मद हसन नसीम ने तकरीर किया । जिसके बाद जुलूस अपने पारंपरिक रास्तो से होता हुआ पंजे शरीफ पर जाकर सम्पन्न हुआ । जिसके बाद रोज़ेदारों ने इफ़्तार किया । इस मौके पर मोहम्मद अब्बास गुड्डू , मोहम्मद मुस्तफा शम्शी , शमशीर हसन , अनवारुल हसन , मेहदी रज़ा , नजमुल हसन नजमी , तालिब ज़ैदी आदि लोग मौजूद रहे ।

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