jaunpur : एमडीएम के लिए स्कूलों में रसोईधर का अभाव

जौनपुर। परिषदीय स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना का हाल बुरा है। सभी स्कूलों में बच्चों को स्वादिष्ट भोजन देने की बात तो दूर अभी तक खाना पकाने तक का इंतजाम नहीं हो पाया है। जिले के सैकड़ो स्कूलों  रसोई घर की सुविधा नहीं हैं।  यहां या तो खुले में भोजन पक रहा है या फिर विद्यालय भवन में। मिड-डे-मील योजना परिषदीय स्कूलों के लिए सांसत बन गई है। जिन विद्यालयों में रसोई घर का निर्माण नहीं हुआ है वहां योजना के संचालन में कठिनाई है। बच्चों के लिए आवंटित खाद्य सामग्री को सुरक्षित रख पाना इन स्कूलों में मुश्किल है। पढ़ाई वाले कक्ष में ही खाद्यान्न रखे जा रहे हैं। जिससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। दोपहर का भोजन इन स्कूलों में जैसे-तैसे तैयार हो रहा है। उद्देश्य है बच्चों को पौष्टिक भोजन कराने का है। मगर किचन विहीन स्कूलों में अधिकांश जगहों पर खुले आसमान के नीचे भोजन पकाया जा रहा है। कुछ विद्यालयों में भवन के अंदर ही भोजन पकाए जा रहे हैं। ऐसे में घंटे भर से अधिक समय तक बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कुल मिलाकर किचन विहीन स्कूलों में यह योजना शिक्षक और बच्चे दोनों के लिए मुसीबत हैं। इस अव्यवस्था के चलते हर वर्ष शैक्षणिक वातावरण प्रभावित हो रहा है। अब नया सत्र शुरु हो गया है तो एक बार फिर इन्हीं दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।  बेसिक शिक्षा विभाग इस बार किचन विहीन विद्यालयों को लेकर गंभीरता दिखाई है। जिन स्कूलों में किचन नहीं है।  किचन कम स्टोर निर्माण के लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक को प्रस्ताव भेजा है। इसमें विभाग ने खुद विद्यालयों में रसोई घर की आवश्यकता स्वीकार की है।   जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि किचन कम स्टोर रूम निर्माण के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही बजट आवंटित कर दिया जाएगा। शासन की भी मंशा है कि परिषदीय स्कूलों में रसोई घर की अलग से व्यवस्था हो। ताकि विद्यालय भवन के शिक्षा कक्ष से कोई मतलब न हो। निर्माण होते ही समस्या दूर हो जाएगी। शेष स्कूलों में भी निर्माण के लिए प्रयास किया जाएगा। 

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