
वैज्ञानिकों का मानना है कि बेहतर यातायात प्रबंधन से इससे बचा जा सकता है। कहते हैं कि मानक के विपरीत आटो बंद कर इसकी जगह ई टेम्पों चलाई जाएं तो अच्छे परिणाम सामने आएंगे। खराब यातायात व्यवस्था से न सिर्फ आवागमन मुश्किल होता है बल्कि इससे बीमारियां भी फैल रही हैं। डीजल चालित वाहन खतरनाक होते हैं। इससे निकलने वाले धुएं से श्वांस की बीमारी होने का खतरा रहता है। जाम में वाहन स्टार्ट रहना खतरनाक है। इसी धुएं से हानिकारक सल्फर नाइट्रेट, कार्बन मोनोआक्साइड व नाइट्रोजन आक्साइड निकलता है। साथ ही इससे निकलने वाले कार्बन के कण फेफड़े के लिए नुकसानदायक होते हैं।यातायात प्रबंधन पर खास ध्यान देने की जरूरत है। जाम में फंसने की वजह से बड़ी मात्रा में पेट्रोल व डीजल बर्बाद हो जाता है। इससे आर्थिक क्षति होती है। ऐसी दशा में बैट्री से चलने वाले वाहन संचालन यातायात के बेहतर प्रबंधन के लिहाज से उपयुक्त है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि शहर का यातायात पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है। अवैध टेंपो को शहर से बाहर किया जाए। आवश्यकता है कि यहां की सड़कों से वाहनों का दबाव कम किया जाए और बैट्री वाले वाहनों को बढ़ावा दिया जाय।
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